राजस्थान के बाड़मेर में बस-ट्रक की टक्कर में जिंदा जले 12 यात्रियों में से 11 की अभी तक पूरी तरह से पहचान नहीं हो पाई है, इसलिए उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किया जाएगा। शवों को जोधपुर लाकर एमजीएच मोर्चरी में रखवाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अवशेषों का डीएनए परीक्षण उनकी पहचान के लिए किया जाएगा। उनकी पहचान को सत्यापित नहीं किया जा सका है।
एक बस और ट्रक की टक्कर में 12 लोग जिंदा जल गए
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ बलवंत मांडा ने कहा कि एक बच्चे के परिवार के सदस्यों और 10 वयस्कों को उनके डीएनए नमूनों का मिलान करने के लिए बुलाया गया है। गौरतलब है कि बुधवार को एक बस और ट्रक की टक्कर में 12 लोग जिंदा जल गए थे। टक्कर के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई। इससे 11 बस यात्री और ट्रक चालक जिंदा जल गए। आस-पास के खेतों में काम कर रहे दर्शकों ने कहा कि ‘यात्रियों के साथ बस को जलते देखना एक दर्दनाक दृश्य था।’
छ यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर जान बचाई
उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद बस के गेट बंद हो गए। कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर जान बचाई, तो कुछ को ग्रामीणों ने शीशा तोड़कर बाहर निकाला तो कुछ उसी में जिंदा जल गए। चंद मिनटों में ही आग फैल गई, जिससे यात्री बस में फंस गए और उन्हें बचाने पहुंचे ग्रामीण भी अपने आप को बेबस महसूस कर रहे थे। यह हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर जाम लग गया। करीब दो घंटे तक शवों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, उसके बाद दोपहर करीब दो बजे नेशनल हाईवे खोला जा सका।