राजस्थान में धरियावाद एवं वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में चुनाव प्रचार थम जाने के बाद राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं से घर घर जनसंपर्क शुरू कर दिया है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के लिये प्रतिष्ठा का सवाल बनी वल्लभनगर एवं धरियावाद विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को चुनाव हो रहे उपचुनाव में इस बार निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशानुसार निर्धारित साइलेंस पीरियड (मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व) की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कल शाम छह बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया था। इसके बाद राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा बूथ स्तर पर घर घर जाकर जनसंपर्क शुरू किया है।
निवार्चन आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार चुनाव प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के बाद वल्लभनगर एवं धरियावाद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के अतिरिक्त कोई भी राजनीतिक दल का व्यक्ति विधानसभा क्षेत्र में नहीं रहेगा तथा कोविड-19 की पालना करते हुए अभ्यर्थी सहित केवल पांच व्यक्ति घर-घर जनसंपर्क कर सकेंगे। यह आदेश पांच नवंबर 2021 तक प्रभावी रहेगा।
गौरतलब है कि वल्लभनगर में सत्तारूढ कांग्रेस की प्रीति शक्तावत, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिम्मतसिंह झाला, राष्ट्रीय लोकदल पार्टी (रालोपा) के उदयलाल डांगी, जनता सेना के रणधीरसिंह भीण्डर सहित नौ प्रत्याशी एवं धरियावाद में कांग्रेस के नगराज मीणा, भाजपा के खेतसिंह मीणा, बीटीपी से गणेशलाल मीणा सहित सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में है।
गौरतलब है कि दोनों विधानसभा में 30 अक्टूबर को मतदान होगा तथा दो नवम्बर को वोटों की गिनती होगी। वल्लभनगर में कांग्रेस विधायक गजेन्द्रसिंह शक्तावत एवं भाजपा के धरियावाद के गौतमलाल मीणा का कोरोना से निधन के बाद यह उपचुनाव हो रहे है। कांग्रेस ने यहां से स्वर्गीय गजेन्द्रसिंह की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकिट दिया था जबकि भाजपा ने नया युवा कार्यकर्ता हिम्मतसिंह झाला को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की ओर से पूर्व में वर्ष 2018 में प्रत्याशी रहे उदयलाल डांगी पार्टी से टिकिट नहीं मिलने से नाराज होकर रालोपा से चुनाव लड रहे है जबकि पूर्व विधायक रणधीरसिंह भीण्डर ने भाजपा द्वारा टिकिट नहीं मिलने से नाराज होकर जनता सेना राजनीतिक पार्टी बनायी थी। गत विधानसभा चुनाव मेंगजेंद्र सिंह शक्तावत जनता सेना के रणधीरसिंह भीण्डर से 3719 वोटों से जीते थे।