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कोरोना महामारी के चलते राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं रद्द

राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाने का फैसला बुधवार को किया।

राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाने का फैसला बुधवार को किया। इसके साथ ही सरकार ने कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों के लिए पैकेज तैयार करने का भी फैसला किया है।
राज्य मंत्रिपरिषद की बुधवार रात हुई आनलाइन बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के अनुसार बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि इस महामारी से समाज के अन्य वर्गों के साथ-साथ विद्यार्थी वर्ग भी अत्यधिक प्रभावित हुआ है।बैठक में इस बात पर चर्चा हुयी कि चिकित्सा विशेषज्ञ संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं, ऐसे में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय किया गया।
स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट किया, मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए छात्रहित में आज राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया है। मार्किंग के संबंध में जल्द फैसला लिया जाएगा।’बैठक में बताया गया कि पहली लहर के समय जिन 33 लाख असहाय, निराश्रित व श्रमिक परिवारों को 3500 रूपए प्रति परिवार की सहायता प्रदान की गई थी। 
उन्हें संबल देने के लिए इस वर्ष भी एक हजार रूपए की दूसरी किश्त इसी जून माह में जारी कर दी जाएगी। इन परिवारों को एक हजार रूपए इस वर्ष की पहली किश्त अप्रैल माह में ही दी जा चुकी है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बैठक में राज्य में कोरोना वायरस प्रबंधन, टीकाकरण, कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को संबल देने के लिए पैकेज जल्द तैयार करने तथा तीसरी लहर में संक्रमण के फैलाव को रोकने की तैयारियों आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।
मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव पारित किया कि केंद्र सरकार अन्य आयु वर्गों की भांति ही 18-44 आयुवर्ग के युवाओं के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए। ग्लोबल टेंडर करने के बावजूद वैक्सीन निर्माता कंपनियां राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार का दायित्व है कि जिस तरह 45 वर्ष से उपर के लोगों के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई गई हैं, उसी प्रकार राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों को युवा वर्ग के लिए भी पर्याप्त मात्रा में और निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए। इसी अनुरूप भविष्य में आने वाली बच्चों की वैक्सीन भी राज्यों को निशुल्क उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
बैठक में मंत्रिपरिषद ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन डोज की वेस्टेज का प्रतिशत 2.08 है। जो कि वैक्सीन वेस्टेज की राष्ट्रीय औसत 6 प्रतिशत एवं भारत सरकार द्वारा वैक्सीन खराबी की अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से काफी कम है। वैक्सीनेशन के साथ-साथ कोरोना के खिलाफ जंग के सभी मानकों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में है।

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