देशभर में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के चलत खासकर मजदूर वर्ग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के इस दौर ने संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी रोजगार योजना मनरेगा के महत्व को सिद्ध कर दिया है। गहलोत ने कहा कि संकट के दौर में इस योजना ने देश भर के गांवों में करोड़ों लोगों को जो संबल दिया है वह इसकी सफलता को दर्शाता है।
गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के सरपंचों, ग्राम सेवकों, पटवारी, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी सहित ग्राम पंचायत स्तर के लोगों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब लोगों का रोजगार छिन गया था मनरेगा ने उन्हें राहत दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में गृह पृथक-वास में रखे गए प्रवासी लोगों का ध्यान रखने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों का अच्छा सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों की वापसी के साथ कई जिलों में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी थी लेकिन ग्राम स्तर पर लोगों की जागरूकता से अब धीरे-धीरे यह नियंत्रण में आ रही है, इसमें सरपंच, वार्ड पंच से लेकर बीएलओ, ग्राम सेवक, पटवारियों सहित सभी ने टीम भावना से अच्छा काम किया है।
इस दौरान जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश में गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से अभी तक 38 हजार हैडपम्पों की मरम्मत की गई है और 3417 नए स्वीकृत किए गए हैं। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की क्षमता 17,650 प्रतिदिन तक हो गई है और आने वाले दिनों में यह 25 हजार प्रति दिन हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि दो हजार डॉक्टरों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस दौरान सरपंचों ने संकट के इस समय में राज्य सरकार के प्रबन्धन की सराहना की। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावी रूप से निपटने के लिए जिला स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक संवाद स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज हुई ग्राम पंचायत स्तर की वीडियो कॉन्फ्रेंस में 11341 प्रतिभागियों से मुख्यमंत्री का सीधा संवाद हुआ है।