राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अधिकारियों से कहा कि वे सार्वजनिक निर्माण विभाग से जुड़ी पिछली बजट घोषणाओं के कार्य समय पर पूरे करते हुए वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं के संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाएं। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि खराब सड़कों की मरम्मत हमारी प्राथमिकता है और अधिकारी सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें।
कार्य समयबद्ध रूप से पूरे किए जा सकें
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में विभाग के लिए 8860 करोड़ रुपये की घोषणाएं की गई हैं और इन घोषणाओं के कार्य समयबद्ध रूप से पूरे किए जा सकें, इसके लिए विभाग रोडमैप पेश करे।
1200 करोड़ और 1000 किलोमीटर लंबाई के स्टेट हाइवे
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में राज्य में सड़क निर्माण के लिए कोई कमी नहीं की गई है और हर जिले में सड़क निर्माण के तीन बड़े प्रोजेक्ट दिए गए हैं।उन्होंने बताया कि नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिका क्षेत्र में मुख्य सड़कों की मरम्मत के लिए 1200 करोड़ और 1000 किलोमीटर लंबाई के स्टेट हाइवे को दो लेन करने के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
10 करोड़ रुपये की लागत से नॉन-पैचेबल सड़कें
गहलोत के मुताबिक, हर विधानसभा क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये की लागत से नॉन-पैचेबल सड़कें और मिसिंग लिंक स्वीकृत करने की घोषणा की गई है, जिससे करीब सात हजार किलोमीटर लंबी नॉन-पैचेबल सड़कों की मरम्मत हो सकेगी।गहलोत ने कहा कि खराब सड़कों की मरम्मत हमारी प्राथमिकता हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें।
2019-20 से लेकर 2021-22 तक की बजट घोषणा
जानकारी के मुताबिक, बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बताया कि 2019-20 से लेकर 2021-22 तक की बजट घोषणाओं को सितंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं में शामिल सड़कों की स्वीकृति व निविदा प्राप्त कर काम शुरू करने की समयसीमा भी तय कर ली गई है।