राजस्थान में एक युवक को दिव्यांग किशोरी के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में आज श्रीगंगानगर में पोक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
पोक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश अमित कड़वासरा ने बलदेवसिंह को दुष्कर्म के प्रयास की धारा 376/511 के तहत सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इसके साथ – साथ धारा 451 के तहत दो वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जानकारी के मुताबिक श्रीगंगानगर जिले के सादुलशहर थाना क्षेत्र के एक गांव में दुष्कर्म के प्रयास की यह घटना 10 अगस्त 2016 को हुई थी। किशोरी दिव्यांग और लाचार है तथा घटना के दिन घर पर अकेली थी। उसके पिता खेत में रखवाली करने गए हुए थे तथा मां मनरेगा की मजदूरी करने के लिए गई हुई थी।
बता दे कि पीड़िता को घर पर अकेला देख गांव में ही रहने वाला आरोपी बलदेवसिंह घर में घुस गया और उससे दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। इसी दौरान वहां गुरुद्वारे का सेवादार रोजाना की तरह खाना लेने के लिए आ गया। उसे देखकर आरोपी मौके से भाग गया। सेवादार ने लोगों को बुलाकर आरोपी की हरकत के बारे में बताया तथा इसकी सूचना पुलिस को दी।
पीड़ति किशोरी के पिता ने 12 अगस्त को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर बलदेव सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने 16 अगस्त को बलदेवसिंह को गिरफ्तार कर लिया था।