राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद माना है कि उनकी सरकार गिराने का खतरा अभी टला नहीं है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भाजपा ने देश में हॉर्स ट्रेडिंग का नया मॉडल तैयार किया है। ऐसा कभी नहीं हुआ है कि कैबिनेट ने विधानसभा बुलाने का अनुरोध किया और राज्यपाल ने मना कर दिया। आपको बता दें कि बदले हुए हालात में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद संजीदगी से कदम उठा रहे हैं। सचिन पायलट के समर्थकों के हंगामे और बयानबाजी से मुख्यमंत्री गहलोत काफी सतर्क हो गए हैं।
गहलोत सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही-कटारिया
सोमवार को गहलोत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। मुमुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अगर विधानसभा की बैठक बुलानी है तो फाइल को कैबिनेट से पास कर राज्यपाल को भेजना होगा। राज्यपाल की अनुमति से ही विधानसभा का नया सत्र बुलाया जा सकता है। इस औपचारिकता से बचने के लिए बजट सत्र को जारी रखने की औपचारिक तरकीब निकालनी पड़ी।
राज्यपाल के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं पड़े
सवाल पूछने का कोटा आधा रहने पर भाजपा विधायकों ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के कक्ष में धरना दिया था। नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। गहलोत सरकार की नई रणनीति को राजनीतिक संकट से जोड़ा जा रहा है. अगर कभी बहुमत साबित करने की जरूरत पड़ी तो सरकार जब चाहे विधानसभा की बैठक बुला सकती है। राज्यपाल के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं पड़े।