राजस्थान हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सचिन पायलट खमे की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों को राहत देते हुए 21 जुलाई तक नोटिस पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई सोमवार को की जाएगी।
नोटिस में विधायकों को राज्य विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने की कांग्रेस की मांग पर शुक्रवार तक जवाब देने के लिए कहा गया है। विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी इस मामले पर शाम पांच बजे सुनवाई करेंगे, जबकि नोटिस में कहा गया था कि वह दोपहर बाद एक बजे इस मामले पर गौर करेंगे।
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कोर्ट में सचिन पायलट का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने कहा, पार्टी को जगाना बगावत नहीं है। विधानसभा के बाहर दल-बदल कानून का प्रावधान लागू नहीं होता है। ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे ने दलील में ये भी कहा कि पार्टी ग्रुप ने कोई विद्रोह नहीं किया है, वह सिर्फ अपनी बात रखने के लिए गए थे।
साल्वे ने कहा कि अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत बोलने की आजादी के अधिकार के खिलाफ है जो उन्हें नोटिस थमाया गया है। सचिन पायलट और अन्य विधायक दिल्ली में अपना पक्ष रखने के लिए गए थे, जबकि सरकार ने स्पीकर के जरिए अनुच्छेद 10 के तहत नोटिस थमा दिया।
असंतुष्ट विधायकों की याचिका पहले गुरुवार को न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा शर्मा के समक्ष आई लेकिन उनके वकील हरीश साल्वे ने एक नई याचिका दाखिल करने के लिए और वक्त मांगा। पायलट खेमे की ओर से नई याचिका दायर होने के बाद उसे शाम के वक्त खंड पीठ के पास भेज दिया गया थी लेकिन बाद में यह मामला शुक्रवार के लिए टल गया था।