राजस्थान की गहलोत सरकार अपराध रोकने के लिए एक विधेयक पर काफी समय से चर्चा कर रहे थे और अब राजस्थान मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस विधेयक का अनुमोदन कर दिया है। आपको बता दे गहलोत सरकार अपराध को नियंत्रण करने के लिए इस विधेयक को पेश करेंगे। अगर विधेयक पास हो गया तो अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो पाएगी।
संगठीत अपराध के खिलाफ विधेयक
गहलोत सरकार की ओर से लाए गए राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2023 में संगठीत अपराध के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का प्रावधान है। अगर ये विधायक पास होता है तो अपराध के मामलों में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं होगा। इसके अलावा इस तरह के मामलों की जांच डीएसपी या उससे ऊपर के अधिकारी ही करेंगे। आपको बात दें विधेयक में गवाहों को सुरक्षा देने और उनकी पहचान गुप्त रखने की बात कही गई है। उनकी पहचान सार्वजनिक करने वालों के लिए एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
अपराधी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रवाधान
इस विधेयक के बारे में बात करें तो पीड़ित की मृत्यु होने पर अपराधी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और न्यूनतम एक लाख रुपये के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही आपराधिक षड्यंत्र, गिरोह के सदस्यों को शरण देने के मामले में न्यूनतम पांच साल तक के कारावास और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
मंत्रिमंडल की इस बैठक में कई निर्णय लिए गए
इस विधेयक के साथ साथ राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टिट्यूट को जोधपुर में स्थापित करने से संबंधित विधेयक का भी अनुमोदन किया है। जल्द ही इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा। मंत्रिमंडल की इस बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए है।