राजस्थान की गहलोत सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में केवल सामान्य बयान देने के लिए राज्य पुलिस की स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से उन्हें और अन्य कई कांग्रेसी नेताओं को नोटिस दिया गया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है।
एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 12, 2020
वहीं दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत करीब 15 विधायक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। पायलट समर्थकों विधायकों की शिकायत है कि जानबूझकर उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है इसलिए एसओजी की तरफ से नोटिस दिया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी के तीन वरिष्ठ नेताओं गुलाब चंद कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ पर राज्य सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के केंद्रीय नेताओं पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि वह राज्यों में कांग्रेस सरकारें गिराने का काम कर रहे हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र में बहुमत नहीं था, इसके बाजवूद सरकार बनाने का प्रयास किया। इसी तरह कांग्रेस की बहुमत वाले अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने दी और अपनी पार्टी की सरकार बना ली। मध्य प्रदेश में कांगेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का दल बदल करवाकर सरकार गिरा दी। बीजेपी जाति और धर्म की राजनीति करके लोकतंत्र की हत्या कर रही है।