कोयले के संकट से जूझ रही राजस्थान सरकार मांग और आपूर्ति संतुलन बनाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष कर रही है और उसने केंद्रीय कोयला सचिव अनिल जैन को कोल इंडिया से कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ सुबोध अग्रवाल ने सोमवार को एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोल इंडिया से राजस्थान को रोजाना लगभग साढ़े ग्यारह रेक उपलब्ध कराना पड़ता है, जबकि वर्तमान में कोल इंडिया की सहायक इकाई से केवल 5 रेक भेजे जा रहे हैं।
अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 9317 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो चुकी है, जबकि औसत मांग 10683 मेगावाट और अधिकतम औसत 12200 मेगावाट की मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि रोस्टर के आधार पर फीडरों से बिजली कटौती की जा रही है। पिछले दो दिनों में प्रदेश में 795 मेगावाट बिजली क्षमता के कालीसिंध और कोटा ताप विद्युत संयंत्रों में बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। अग्रवाल ने सोमवार को विद्युत उत्पादन निगम, प्रसार निगम और ऊर्जा विकास निगम के उच्चाधिकारियों के साथ विद्युत भवन में समीक्षा बैठक की।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में बिजली संकट की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप स्थिति में सुधार होने लगा है लेकिन कोल इंडिया से आपूर्ति अभी नहीं बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय प्रयासों से प्रदेश में 15 से 16 रेक भेजे जा रहे हैं, जबकि पहले कम मात्रा में रेक भेजे जा रहे थे। 15 दिन और पहले भी कम रेक आ रहे थे। राज्य में सभी ताप इकाइयों के लिए प्रतिदिन लगभग 21 रेक कोयले की आवश्यकता होती है।