देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलो दर्ज हो रही गिरावट को देखते हुए कई राज्यों ने एक बार फिर स्कूल खोलने पर विचार किया है। वहीं कई राज्यों में स्कूल खोलने के लिए तारीखों का एलान भी हो चुका है। इसी चरण में राजस्थान सरकार ने राज्य में 2 अगस्त से सभी कक्षाओं के लिए सभी स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा कर दी।
स्कूल खोने की घोषणा के बमुश्किल 24 घंटे बाद राज्य सरकार इस फैसले की तीखी आलोचना की जा रही है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले के खिलाफ ‘नो वैक्सीन नो स्कूल’ अभियान भी शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि राज्य में अभिभावकों ने अगले महीने से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल फिर से खोलने के विचार को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार पर पूरी फीस वसूलने के लिए निजी स्कूलों के दबाव में आने का आरोप लगाया जा रहा है।
गठित समिति में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग शामिल हैं। डोटासरा ने गुरुवार रात कैबिनेट की बैठक के बाद सभी कक्षाओं के लिए 2 अगस्त से स्कूल फिर से खोलने की घोषणा की।
सूत्रों ने बताया कि गहलोत ने डोटासरा से यह पूछा है कि गुरुवार की कैबिनेट बैठक में स्कूल फिर से खोलने की तारीखों पर सहमति नहीं होने पर भी उन्होंने स्कूल खोलने के बारे में ऐसी घोषणा क्यों की है? चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि परिवहन विभाग सहित पूरे स्कूल स्टाफ के टीकाकरण के बाद ही स्कूल खोले जाएं।