कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को यहां कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में राजस्थान सरकार शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में एक प्रस्ताव पारित करेगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 28 जनवरी को प्रस्तावित रैली की तैयारियों के संबंध में समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने केन्द्र सरकार से सीएए पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि अगर कहीं विरोध होता है और किसी मुद्दे पर लोगों की असहमति है तो इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए। अलग-अलग विधानसभाओं ने, चाहे वो पंजाब की हो, केरल की हो, जो प्रस्ताव पारित किया है उसका संज्ञान केंद्र को लेना चाहिए।
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पायलट ने कहा कि अंत में निर्णय उच्चतम न्यायालय करेगा क्योंकि कई राज्य सरकारे इस कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गई हैं। उन्होंने कहा कि कानून पारित करना एक बात है लेकिन वह कानूनी जांच में पास होगा या नहीं होगा यह काम उच्चतम न्यायालय करेगा।
पायलट ने कहा कि मुझे लगता है कि अंतिम निर्णय उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पर होगा लेकिन हर व्यक्ति, संगठन, पार्टी को यह अधिकार है कि वह असहमति व्यक्त करे, शांति पूर्ण तरीके से करे, कानून को अपने हाथ में जो लेगा उसका हम समर्थन नहीं करते है लेकिन विरोध करने की आजादी लोकतंत्र में सब को दी गई है और इसी संदर्भ में हमारी सरकारी भी इसी तरह का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करेगी।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अगर संवाद नहीं हैं, विचार विमर्श नहीं है, विरोधियों को संज्ञान में लेकर आगे कार्यवाहीं नहीं करते है तो लोकतंत्र कमजोर होता है। आज पूरे देश में सीएए को लेकर आंदोलन हो रहा है ऐसा नहीं है कोई एक वर्ग, एक क्षेत्र, एक राज्य, एक पार्टी.. अगल अलग संस्थाएं, खासकर नौजवान लोग इस कानून के विरोध में अपनी बात को रख रहे है। उनकी बात सुनने तक का कलेजा केन्द्र सरकार को दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 28 जनवरी को कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘युवा आक्रोश रैली’ का आयोजन रामनिवास बाग में किया गया है। इस रैली को कांग्रेस नेता राहुल गांधी संबोधित करेंगे।