कोरोना महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई व परवरिश का खर्च उठाएगी राजस्थान सरकार

राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों की समुचित परवरिश के लिए शनिवार को ‘मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना’ की घोषणा की जिसके तहत ऐसे बच्चों की पढ़ाई व परवरिश का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
कोरोना महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई  व परवरिश का खर्च उठाएगी राजस्थान सरकार
Published on
राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों की समुचित परवरिश के लिए शनिवार को 'मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना' की घोषणा की जिसके तहत ऐसे बच्चों की पढ़ाई व परवरिश का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना की घोषणा के साथ ही कहा कि सरकार कोरोना के कारण विधवा होने वाली महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए भी अनेक कदम उठा रही है। 
इस संबंध में जारी एक सरकारी बयान के मुताबिक इस योजना के तहत कोरोना महामारी से माता पिता दोनों की मृत्यु या एकल जीवित की मृत्यु होने पर अनाथ बच्चों को तत्काल एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसमें बताया गया कि योजना के तहत ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक प्रतिमाह 2500 रुपये की सहायता दी जाएगी तथा 18 साल की उम्र होने पर उन्हें पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। बयान के मुताबिक ऐसे बच्चों को 12वीं तक की शिक्षा आवासीय विद्यालय या छात्रावास के जरिए दी जाएगी। 
सरकारी बयान में कहा गया कि कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। बयान के मुताबिक कॉलेज छात्रों को आवासीय सुविधाओं के लिये अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा तथा युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता से लाभ मिलेगा। बयान के मुताबिक, गहलोत ने कहा कि ये सभी लाभ 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रंस' से अतिरिक्त होंगे। 
इसमें कहा गया कि इसी तरह किसी व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को एक लाख रुपये की एकमुश्त (अनुग्रह राशि) मदद की जाएगी। इसके अलावा 1500 रुपये प्रतिमाह विधवा पेंशन मिलेगी जो सभी आयु व आय वर्ग की महिलाओं को मिलेगी। बयान के मुताबिक, ऐसी महिला के बच्चों को 1000 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह तथा विद्यालय की पोशाक व पाठ्यपुस्तकों के लिए सालाना 2000 रुपये का लाभ दिया जाएगा। 

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com