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राजस्थान : राज्यपाल कलराज मिश्र बोले- ‘राइट टू हेल्थकेयर’ कानून लाएगी गहलोत सरकार

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी को अनिवार्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राजस्थान सरकार ‘राइट टू हेल्थकेयर’ (स्वास्थ्य सेवा का अधिकार) कानून लाएगी।

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी को अनिवार्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राजस्थान सरकार ‘राइट टू हेल्थकेयर’ (स्वास्थ्य सेवा का अधिकार) कानून लाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अब तक राज्य के बेरोजगार युवाओें को 224.14 करोड़ रुपये बेरोजगारी भत्ते के रूप में दिए हैं। 
राज्यपाल मिश्र ने राजस्थान विधानसभा के चौथे सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में यह बातें कहीं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार पर सत्र बुलाने में नियम का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए अभिभाषण का बहिष्कार किया। 
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने भी अभिभाषण का बहिष्कार किया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में मौजूदा सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर बधाई दी और सरकार की अब तक की पहलों व कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के आमजन व गरीब को समय पर निःशुल्क और सुलभ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार द्वारा आम आदमी को अनिवार्य रूप से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘राइट टू हैल्थ केयर’ कानून लाने की तैयारी की जा रही है।’’ 
राजस्थान के लगभग 12 जिलों में टिड्डियों के अब तक के सबसे बड़े हमले का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में बहुत साल बाद टिड्डियों ने फसलों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है। 
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनशील सरकार द्वारा किसानों की मदद हेतु त्वरित गति से विशेष गिरदावरी करवाते हुए प्रभावित छह जिलों जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, पाली व जोधपुर को अब तक 30037 किसानों के लिए कृषि आदान अनुदान भुगतान के लिए 47.80 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जा चुका है व शेष बजट आवंटन किया जा रहा है।’’ 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक नयी व्यवस्था की है जिससे कोई भी व्यक्ति निसंकोच पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। यदि किसी कारणवश थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्राथमिकी दर्ज करवायी जा सकेगी और ऐसी स्थिति में थानाधिकारी की जवाबदेही भी तय की जायेगी। 
राज्यपाल ने कहा, ‘‘ऐसी व्यवस्था करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सम्बल प्रदान किये जाने की दिशा में मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के अन्तर्गत अब तक 224 करोड़ 14 लाख रुपए बेरोजगारी भत्ते के रूप में वितरित किए गए हैं और इससे 1,58,576 बेरोजगार युवा लाभान्वित हुए हैं। 
राज्य में एमएसएमई की सुलभ स्थापना व संचालन के लिए लाए गए ‘राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अधिनियम, 2019’ का जिक्र भी राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में किया। 
उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत उद्यमों को शुरुआती तीन वर्षों तक राज्य के विभिन्न विभागों की समस्त स्वीकृतियों व निरीक्षणों से मुक्त किया गया है। इस प्रकार का अधिनियम लागू करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य है। 
इसके तहत राज-उद्योगमित्र पोर्टल पर 31 दिसम्बर, 2019 तक 2811 उद्यमों को प्राप्ति ‘प्रमाण-पत्र’ जारी किये जा चुके हैं। वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा व आरएलपी ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया। राज्यपाल मिश्र ने जैसे ही अपना अभिभाषण शुरू किया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सत्र आहूत करने में नियमों का पालन नहीं करने का मुद्दा उठाया। 
उन्होंने कहा कि सत्र बुलाने में 21 दिन की पूर्व सूचना की अनिवार्यता का पालन नहीं किया गया। कटारिया ने कहा कि सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाता है ताकि सदस्य अपनी तैयारी कर सकें। इस आपत्ति के बाद भाजपा व आरएलपी के विधायक सदन से बाहर चले गए। 
वहीं नोखा (बीकानेर) से भाजपा विधायक बिहारी लाल प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करने के लिए टिड्डियों से भरी बंद टोकरी लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे। उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग की कि राज्य के पश्चिमी हिस्सों में टिड्डी हमले से प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। 
वहीं सदन की शुरुआती कार्रवाई के दौरान विधानसभा सचिव ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019 का अनुसमर्थन करवाने संबंधी राज्यसभा द्वारा भेजे गए संदेश को सदन पटल पर रखा। यह विधेयक लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को आरक्षण की अवधि दस साल और बढाने से संबंधित है। 

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