राज्यपाल मिश्र का मानना है कि शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे अच्छा तरीका है। उनका मानना है कि महिलाओं को शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने से वे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सकेंगी और अपने जीवन में सुधार कर सकेंगी।राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि शिक्षा महिलाओं को सशक्त करने का श्रेष्ठ माध्यम है। मिश्र ने कहा कि हमारे देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं में महिलाओं का नामांकन पुरुषों की तुलना में बहुत कम है, इस भेद को समाप्त करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास करना जरूरी है। राज्यपाल ने रविवार को निवाई (टोंक) में वनस्थली विद्यापीठ के 39वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 126 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर वनस्थली विद्यापीठ के अध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ शास्त्री ने 4,864 विद्यार्थियों को उपाधी प्रदान की, जिसमें 311 शिक्षार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई।
हाल में अपना शोध कार्य पूर्ण किया है।
इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ भी मौजूद रहीं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ को भी पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, जिन्होंने हाल में अपना शोध कार्य पूर्ण किया है। राज्यपाल ने महात्मा गांधी का यह कथन उद्धृत किया कि अगर किसी परिवार में एक महिला शिक्षित हो जाती है तो उससे दो परिवार लाभान्वित होते हैं। उन्होंने कहा कि वनस्थली विद्यापीठ आज के समय का ऐसा शिक्षण संस्थान है, जो यहां आने वाली छात्राओं को वृक्षों से घिरे इस रमणीय स्थल पर ज्ञान संपन्न बनाता है।
उन्हें दी गई दीक्षा के अनुरूप
उन्होंने कहा कि यह विद्यापीठ महज 5 छात्राओं के साथ शुरू हुई और आज इसकी पहचान विश्व के सबसे बड़े महिला आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में है, यह गर्व की बात है। वनस्थली विद्यापीठ के अध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ शास्त्री ने अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त करने वाली छात्राओं से उन्हें दी गई दीक्षा के अनुरूप आचरण करने का आह्वान किया।