राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने राज्य में सुदुर क्षेत्रों से ऑक्सीजन लाने के लिये 54 टैंकरों की और जरूरत है। रघु शर्मा ने आज जारी बयान में कहा कि कोरोना महामारी के इस गंभीर संकट के समय राजस्थान सरकार प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन राजस्थान स्वयं ऑक्सीजन की कमी के साथ ही विभिन्न सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन लाने के लिये टैंकरों की कमी और अन्य परेशानियों से जूझ रहा है, राजस्थान में किसी भी राज्य के टैंकरों को रोकने का प्रयास नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि असल में राज्य के पास ऑक्सीजन के उठाव के लिए मात्र 23 टैंकर ही उपलब्ध हैं। इनमें से भिवाड़ स्थित आईनोक्स प्लाट के नाइट्रोजन परिवहन के काम आ रहे 4 टैंकरों को पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पीईएसओ) के माध्यम से आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य के लिए ऑक्सीजन परिवहन में इनका उपयोग हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में रजिस्टर्ड पांच टैंकर दिल्ली, पंजाब और उत्तरप्रदेश में चल रहे हैं।
चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उसके मुताबिक देश में 2416 क्रायोजेनिक टैंकर उपलब्ध हैं। इनमें से राजस्थान के पास उपलब्ध टैंकरों की संख्या मात्र 25 ही हैं, इनमें भी केवल 23 ही क्रियाशील हैं। इस हिसाब से राजस्थान के पास देश के कुल टैंकरों का केवल एक प्रतिशत ही उपलब्ध है।
रघु शर्मा ने कहा कि बर्नपुर, कलिंगनगर, जामनगर, पानीपत एवं भिवाड़ जैसे सुदूर स्थानों से प्रतिदिन लगातार ऑक्सीजन परिवहन के लिए राजस्थान को तत्काल कम से कम 54 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन आवंटन की राष्ट्रीय योजना बनायी है, लेकिन राज्यों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सबसे जरूरी माध्यम क्रायोजेनिक टैंकर के आवंटन के लिए कोई योजना नहीं बनाई है।