सचिन पायलट और 18 बागी विधायकों की याचिका पर आज राजस्थान हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है। इस मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाए जाने की याचिका को स्वीकार कर लिया है। सचिन पायलट गुट के विधायक पृथ्वीराज मीणा ने गुरुवार को केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए कोर्ट में याचिका दी थी।
याचिका इस आधार पर दाखिल की गई है कि चूंकि संविधान की दसवीं अनुसूची की वैधता को चुनौती दी गई है, इसलिए अब इसमें केंद्र को पक्ष बनाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट में भी इसी तरह की अर्जी दी गई, जहां राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने एक याचिका दाखिल की है।
पायलट और कांग्रेस के बागी विधायकों ने गत शुक्रवार को हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी। राजस्थान हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ इस पर सुनवाई कर रही है और इसमें जिरह हुई है। मामले में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई और मंगलवार को जिरह हुई।
कोर्ट शुक्रवार को याचिका पर फैसला सुनाएगी। पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस विधायी दल की दो बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। इसके बाद इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया गया।
हालांकि पायलट खेमे का कहना है कि पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के चलने के दौरान ही लागू होता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।