राजस्थान हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहत देते हुए बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस के साथ विलय किए जाने के खिलाफ बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज किया। दिलावर ने इस मामले में स्पीकर सीपी जोशी के सामने दायर याचिका पर चार महीने से कार्रवाई नहीं होने पर हाई कोर्ट का रुख किया था।
याचिका में दिलावर ने विधानसभा स्पीकर, सचिव और स्पीकर सीपी जोशी सहित बसपा के 6 विधायकों को भी पक्षकार बनाया है। याचिका में कहा है कि प्रार्थी ने स्पीकर के चार महीने पहले मार्च 2020 में बसपा विधायक लखन सिंह, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, दीपचंद खेडिया, जोगेन्दर सिंह अवाना, संदीप कुमार व वाजिब अली के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर को शिकायत की थी।
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मदन दिलावर ने अपील की थी कि इन 6 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करें, लेकिन स्पीकर ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मदन दिलावर हाई कोर्ट पहुंच गए। इस बीच 24 जुलाई को स्पीकर ने शिकायत को निस्तारित कर दिया। इस वजह से आज हाई कोर्ट में अर्जी खारिज हो गई।
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा याचिका निरस्त किए जाने के बाद बीजेपी विधायक मदन दिलावर सोमवार को विधानसभा सचिवालय में कुछ देर के लिए धरने पर बैठे। दिलावर के अनुसार, अध्यक्ष ने उनकी याचिका का निस्तारण कर दिया, लेकिन उन्हें उसकी प्रति नहीं मिली।
दिलावर ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘होना तो यह चाहिए था कि विधानसभा अध्यक्ष मेरा पक्ष भी सुनते और उसके बाद कोई फैसला करते। उल्लेखनीय है कि संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ़ा ने 2018 विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीता था। ये सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।