राजस्थान राज्य के उच्च न्यायलय ने जुलाई से रूस में फंसे एक भारतीय नागरिक के शव को देरी से सौंपने के मामले में रूसी दूतावास को एक नोटिस जारी किया है। बुधवार को कोर्ट ने कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को रूसी संघ के दूतावास के आधिकारिक ईमेल पर नोटिस भेजने का निर्देश दिया। दरअसल भारतीय नागरिक हितेंद्र कुमार गरासिया, उदयपुर का एक कार्यकर्ता था, जिसकी 17 जुलाई को रूस में मृत्यु हो गई थी। व्यक्ति के शव को वापस लाने के लिए उसके परिवार वालों ने गुहार लगाई थी।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए थे निर्देश
हाईकोर्ट ने इस मामले में रूसी दूतावास से जवाब मांगते हुए कहा, अदालत दूतावास या रूसी संघ की सरकार के वरिष्ठ काउंसलर को नोटिस जारी करने की अपनी सीमाओं से बेखबर नहीं है। लेकिन अभूतपूर्व स्थिति से निपटने और उठाए जाने वाले कदमों के समन्वय के लिए नोटिस जारी करना उचित है। मृतक की पत्नी आशा और उसके बच्चों ने शव को भारत लाने के लिए याचिका दायर की थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए संवेदनशीलता दिखाते हुए केंद्र सरकार को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था।
शव को लाने के लिए किए जा रहे हैं प्रयास : सॉलिसिटर जनरल
इस मामले में न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की सिंगल पीठ में केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने अदालत को बताया कि, मृतक हितेंद्र कुमार गरासिया के शव को भारत लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे अदालत को बताया कि, एफएसएल रिपोर्ट लंबित होने के कारण रूसी संघ के अधिकारी शव नहीं सौंप रहे हैं। पीठ ने कहा कि, हितेंद्र कुमार की मृत्यु 17 जुलाई को हुई थी। न्यायालय को लगता है कि रूसी संघ की सरकार से इस संबंध में प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में अधिवक्ता सुनील पुरोहित पेश हुए।