राजस्थान पुलिस के एक पुलिस उपनिरीक्षक यानी एसएचओ और एक कांस्टेबल को आचरण संबंधी नियमों के तहत विभागीय कार्रवाई के रूप में निलंबित कर दिया गया।पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पर आरोप है कि दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स चैटिंग और नग्न वीडियो कॉलिंग जैसे आचरण में शामिल थे।
वीडियो के आधार पर उसे ब्लैकमेल कर रहा
उन्होंने बताया कि मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस उपनिरीक्षक और खींवसर थानाधिकारी गोपाल कृष्ण ने सोमवार को नागौर पुलिस अधीक्षक से शिकायत की कि डेगाना थाने के कांस्टेबल प्रदीप चौधरी उसे वीडियो कॉल के दौरान उसकी नग्न अवस्था की बनाई गई वीडियो के आधार पर उसे ब्लैकमेल कर रहा है।नागौर पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि ‘‘आरोपी कांस्टेबल ने पहले ही पुलिस उपनिरीक्षक से 2.2 लाख रूपये की उगाही कर ली थी और अबत वह पांच लाख रूपये एवं एक लग्जरी कार की मांग कर रहा था।
दोनों इस तरह के कृत्यों में शामिल थे
पुलिस उपनिरीक्षक और थानाधिकारी ने सोमवार को मुझसे शिकायत की जिसके बाद जांच में यह स्पष्ट हो गया कि दोनों इस तरह के कृत्यों में शामिल थे।’’पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस उपनिरीक्षक और कांस्टेबल को इसलिये निलंबित कर दिया गया क्योंकि उनका आचरण नियमानुसार उपयुक्त नहीं था। इसी दौरान खींवसर थाने में सोमवार को आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज कर उसे सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। जोशी ने बताया कि दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।