राजस्थान की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए एक तस्वीर सामने आई है, जो ये बताती है की देश के कुछ राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था कहा तक पहुंची है। दरअसल, बाड़मेर जिले के एक स्वास्थ्य केंद्र में मुर्दाघर नहीं होने के कारण दो महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम बीच सड़क पर किया गया, जो बेहद ही शर्मनाक है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उन्होंने यह कदम मानवीय आधार पर उठाया।
दरअसल, मंगलवार को तमलोर गांव में महिलाओं को करंट लगने से मौत हो गई थी उसके बाद में उनके शव को अस्पताल लाया गया। लेकिन पोस्टमॉर्टम अस्पताल परिसर की सड़क पर कर दिया गया। इसके लिए तर्क यह दिया गया कि पोस्टमार्टम के लिए अलग से कमरा नहीं है। परिजनों का कहना है कि उन्होंने मना किया कि सड़क पर पोस्टमार्टम ना करें। लेकिन सरकारी डॉक्टर ने परिवार की एक ना सुनी। और सड़क को पोस्टमार्टम रूम बना दिया। यहां पर मोर्चरी नहीं है।
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दोनों महिलाओं के शव रातभर मरीजों को भर्ती करने वाले कक्ष में रखे गए। पास में शव होने से मरीज भी रातभर असहज महसूस होते रहे। और दूसरे दिन तो इन शवों को उठाकर अस्पताल परिसर में खुले में लाया गया। यहां बनी सड़क पर रख दिया और यहीं पर एक पर्दा लगाकर पोस्टमार्टम कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार ने कहा कि अस्पताल और जिला प्रशासन से जवाब तलब किया है।