राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच, सचिन पायलट कल सुबह दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने और बीते तीन दिनों से जारी सियासी घमासान के बाद पहली बार कल पायलट मीडिया के सामने आएंगे। राजस्थान के पूरे घटनाक्रम पर उन्होंने सीधे तौर पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीत अब मदभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। हालांकि गहलोत के खिलाफ पायलट की ओर से सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं आया है। वहीं, पायलट खेमे की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि गहलोत गुट उन्हें बदनाम करने में जुटा हुआ है।
उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट के सिर्फ दो ट्वीट आए हैं। पहले ट्वीट में सचिन ने कहा, सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं। वहीं, दूसरे ट्वीट में उन्होंने समर्थन करने वालों का आभार जताया है।
सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
My heartfelt thanks and gratitude to all those who have come out in my support today.
राम राम सा !— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
वहीं, अशोक गहलोत सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट ने जहां देर शाम अपने ट्वीट में समर्थन में आए लोगों को ‘राम-राम सा’ लिखा तो विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा ने पूछा कि उन्होंने क्या गलती की जो उन्हें हटाया गया? उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से तो विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को खाद्य मंत्री पद से हटा दिया। पार्टी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “पायलट और कुछ मंत्री साथी दिग्भ्रमित होकर भाजपा के षडयंत्र के जाल में उलझकर कांग्रेस की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए।”
इस पर पहली प्रतिक्रिया में पायलट ने पहले दोपहर बाद ट्वीट किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।” इसके बाद शाम को उन्होंने एक और ट्वीट कर उनके समर्थन में आए लोगों का आभार जताया। अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में लिखा, “राम राम सा!” वहीं पायलट के समर्थन में मुखर रहे विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, “मैं तो एक सवाल पूछना चाहता हूं कि हम लोगों ने कहां पार्टी विरोधी या पार्टी के खिलाफ या पार्टी के अहित में कोई बयान दिया।”
सिंह ने वीडियो में आगे कहा, “हम तो केवल आलाकमान का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे कि चुनावी घोषणापत्र में जो बाते हैं। बिजली हो, पानी हो या कर्ज माफी हो जिसके लिए जनता ने हमें चुनकर भेजा, उसको हम पौने दो साल में डिलीवर नहीं कर पाए।” सिंह के अनुसार, “मैं ये सवाल जनता के सामने रखना चाहता हूं कि हम तीन लोगों की या हमारे साथियों की क्या ऐसी गलती है जिससे कांग्रेस पार्टी ने हमें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया है।”
पद से हटाए गए मीणा ने भी अपने बयान का वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, “मैंने ईमानदारी से काम किया, उसका नतीजा यह मिला कि मुझे पद से बर्खास्त किया गया।” उन्होंने कहा, “मैंने ऐसी कौन सी अनियमितता की या पार्टी के खिलाफ गया, हमारी नाराजगी थी जिसे हमने पार्टी के मंच पर रखा। हमारी जनता से जुड़ी समस्याएं थीं जिसे उठाया।” मीणा,सिंह व एक अन्य विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने सुबह भी एक संयुक्त बयान जारी किया था।