राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गांव में आंधी और बारिश से पंडाल गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी है। दुर्घटना में घायल एक और व्यक्ति ने रविवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार हादसे में 71 लोग घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार सुबह घटनास्थल का जायजा लिया और हादसे में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। बालोतरा के पास जसोल में रविवार अपराह्न रामकथा के दौरान तेज अंधड़ और बारिश की वजह से पंडाल गिरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी है तथा 71 लोग घायल हुए हैं।
घायलों का यहां के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बालोतरा पुलिस थाने में उपनिरीक्षक शैतान सिंह ने सोमवार को बताया, ‘‘घायल पोकर राम की मौत के साथ हादसे में मरने वालों की संख्या 15 हो गयी है। हमारे पास सूचना है कि 71 घायल लोग बाड़मेर के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।’’
उन्होंने कहा कि घायलों की संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि कई लोग इलाज के लिए बाड़मेर से जोधपुर या अजमेर चले गए हैं। उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार सुबह जसोल गांव पहुंचे। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी, ढांढस बंधाया।
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इस दौरान गहलोत के साथ स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी एवं ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला तथा अन्य मौजूद थे। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। गहलोत ने घटनास्थल का भी जायजा लिया और अधिकारियों से हादसे की जानकारी ली।
उन्होंने स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसकी जांच की जाएगी।’’ मुख्यमंत्री ने अस्पताल में व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया और हादसे के दौरान साहस तथा सूझबूझ का परिचय देने वाले सिपाही गोमाराम एवं दुलाराम की सराहना की।
मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर के संभागीय आयुक्त बी.एल. कोठारी को घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हादसे में मारे गये लोगों के आश्रितों को पांच- पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है। हादसे में घायलों को भी अधिकतम दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
इससे पहले केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री एवं बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी भी अस्पताल में घायलों से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी। राज्यपाल कल्याण सिंह ने भी हादसे पर खेद जताया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान जसोल के तत्वाधान में आयोजित यह रामकथा एक स्कूल में चल रही थी।
रविवार को कथाकार मुरलीधर महाराज जब कथा सुना रहे थे तभी बारिश और तेज अंधड़ आने से पूरा टेंट हवा में लहराने लगा। कथावाचक ने लोगों को आगाह करते हुए उन्हें तुरंत बाहर निकलने को कहा, लेकिन देखते-देखते कुछ ही सेकंड में पूरा टेंट नीचे आ गिरा। सैकड़ों श्रद्धालु टेंट के नीचे दब गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आंधी की वजह से बिजली का एक तार टूटकर टेंट के लोहे के खंबों पर जा गिरा जिससे इन लोहे के खंभों में करंट दौड़ गया, हालांकि स्थानीय लोगों ने जैसे तैसे कर घायलों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया।