राजस्थान : प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग ने शुरू की विशेष बसें - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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राजस्थान : प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग ने शुरू की विशेष बसें

जोधपुर से 7 बसें उत्तराखण्ड तथा एक बस हिमाचल प्रदेश के लिए भेजी जा रही है। सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर लौटने की इच्छा रखने वाले श्रमिकों के लिए राजस्थान सरकार की श्रमिक स्पेशल बस सेवा बड़ी राहत बनकर आई है।

देश भर में फैले कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार तथा अन्य सभी राज्य सरकारें मिल कर तरह-तरह के उपाय कर रही हैं इसी क्रम में राजस्थान पथ परिवहन निगम रोडवेज ने देश में लगे लॉकडाउन के कारण बाहरी राज्यों के श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए विशेष श्रमिक स्पेशल बस सेवा शुरू की है। 
राजस्थान पथ परिवहन निगम रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने बताया कि कई दर्जन बसों को इसके लिए लगाया गया है। उन्होंने बताया कि जयपुर से 16 बस, बारां से पांच, भीलवाड़ा से तीन, ब्यावर से दो, बीकानेर से दो, पाली से दो, कोटा से तीन व उदयपुर से तीन बस उत्तर प्रदेश के हाथरस सहित अन्य स्थानों के लिए मंगलवार को रवाना हुईं। इनमें श्रमिकों को निःशुल्क भेजा गया है।
इसी प्रकार जोधपुर से 7 बसें उत्तराखण्ड तथा एक बस हिमाचल प्रदेश के लिए भेजी जा रही है। सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर लौटने की इच्छा रखने वाले श्रमिकों के लिए राजस्थान सरकार की श्रमिक स्पेशल बस सेवा बड़ी राहत बनकर आई है।
मध्यप्रदेश के भिंड के रमेश बाथम और छविराम, छतरपुर के अखिलेश, मुरैना के बबलू, जबलपुर के सहदेव जैसे लोगों ने अपने घर पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करने की ठानी और सामान उठाकर चल पड़े। भिंड के रमेश बाथम बताते हैं कि वह परिवार के साथ किशनगढ़ (अजमेर) में गोलगप्पे का ठेला लगाकर परिवार को पाल रहे थे।
इसी बीच लॉक डाउन होने से उनका काम बंद हो गया। दो महीने बिना काम गुजारने के बाद पत्नी और बच्चों के साथ पैदल ही घर के लिए रवाना हो गए। रास्ते में कहीं पैदल तो कहीं किसी साधन से वह जैसे-तैसे सौ किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर जयपुर पहुंच गए। यहां चेक पोस्ट पर पुलिस ने रोक लिया और कानोता में लगे विशेष शिविर में भेज दिया। यहां पर उनके लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था रही। उन्हें आज राजस्थान रोडवेज की बस से उनके गांव को रवाना कर दिया गया।

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