लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

राजस्थान: पूर्व CM वसुंधरा राजे ने भाजपा के विरोध प्रदर्शन से बनाई दूरी, राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म

राजस्थान भाजपा के भीतर मतभेद एक बार फिर तब सामने आ गए, जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आरईईटी मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर पार्टी द्वारा किए जा रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन से दूर रहीं।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे एक बार फिर सुर्खियों में बनी हुई है। राजस्थान भाजपा के भीतर मतभेद एक बार फिर तब सामने आ गए, जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आरईईटी मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर पार्टी द्वारा किए जा रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन से दूर रहीं। 
आपको बता दें कि इस प्रदर्शन में कुल 68 विधायक और 18 सांसदों ने हिस्सा लिया। विधानसभा में पार्टी की ताकत 72 है और संसद में 25 सदस्य हैं। नदारद रहने वाले चार विधायकों में राजे के साथ उनके भरोसेमंद कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी और कैलाश मेघवाल शामिल थे। 
भाजपा ने बताई ये वजह  
भाजपा सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके सांसद या तो चुनावी राज्यों में प्रचार कर रहे हैं या फिर उनकी तबीयत खराब है। इस विशाल विरोध प्रदर्शन में राजे और अन्य वरिष्ठ विधायकों की अनुपस्थिति शहर के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गई है। 
प्रदेश भाजपा ने आरईईटी मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर विधानसभा घेराव का आह्वान किया था और प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा, महिला मोर्चा, जयपुर शहर और देहात भाजपा, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, कई मोचरें के कार्यकर्ता, विधायक और सांसद ने किया। 
कांग्रेस पार्टी पर टिप्पणी करने के बाद पूनिया की कार पर हमला किया गया था 
राजे ने बजट सत्र की शुरूआत में अपने बेटे सांसद दुष्यंत सिंह के घर पर पथराव किए जाने पर पार्टी की चुप्पी पर नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने तब पूछा था कि जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के काफिले पर हमला हुआ, तो पार्टी विरोध क्यों कर रही थी। 
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि आरईईटी मामले में सीबीआई जांच की मांग करने और कांग्रेस पार्टी पर टिप्पणी करने के बाद पूनिया की कार पर हमला किया गया था। बता दें कि राज्य का नेतृत्व पूनिया के हाथों में दिए जाने के बाद से राजे पार्टी की अधिकांश बैठकों और कार्यक्रमों से दूर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।