राजस्थान के राजसमंद जिले में हाल ही में हुई बंगाली श्रमिक की हत्या के बाद बदमाश की गिरफ्तारी के विरोध में हिन्दूवादी संगठनों के आंदोलन के मद्देनजर उदयपुर तथा राजसमंद में भी निषेधाज्ञा शुक्रवार को भी जारी थी।
वही , प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अब तक 175 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें ज्यादातर दक्षिणपंथी हिंदू गुटों के कार्यकर्ता हैं। साथ ही, रैली निकालकर व नारेबाजी कर आदेशों का उल्लंघन करने के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
दोनों शहरों में शुक्रवार को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी। हालांकि स्कूल व कॉलेज खुले हुए थे। एक समुदाय विशेष का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की घटना के विरोध में हिंदू संगठनों की ओर से रैलियां निकालने की घोषणा करने के बाद उदयपुर और राजसमंद में धारा 144 लागू की गई थी। किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए दोनों शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
निषेधात्मक कदम उठाए जाने के बावजूद गुरुवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों ने ‘लव जेहाद’ के नाम पर हत्या के आरोपी शंभूलाल रैगर के पक्ष में सड़कों पर वाहनों की रैलियां निकालीं और नारे लगाए। रैगर पर पश्चिम बंगाल के एक मुसलमान मजदूर की इस महीने के आरंभ में हत्या करने का आरोप है।
भगवाधारी दक्षिणपंथी गुटों के कार्यकर्ताओं को भवनों की छतों पर चढ़कर नारेबाजी व पत्थरबाजी करते देखा गया। पुलिस की ओर से स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए लाठी चार्ज किया गया। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ गया और प्रदर्शकारियों ने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया, जिसमें एएसपी सुधीर चौधरी और 12 अन्य पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। कई प्रदर्शनकारियों को भी चोटें आईं।
पुलिस ने क्रोधित भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां भी चलाईं। जिलाधीश विशु मलिक ने बताया कि शुक्रवार को आठ बजे रात तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अशांति को रोकने के लिए दोनों जिलों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पुलिस ने गुरुवार को दक्षिणपंथी गुट के कार्यकर्ता ठाकुर उपदेश राणा को जयपुर सीमा पर बागरु से गिरफ्तार किया। उन्होंने ही उदयपुर में रैगर के समर्थन में रैली बुलाई थी।
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