जयपुर : भारत के सेवानिर्वित्त प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य मनोनीत होने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से न्यायिक प्रणाली से जनता का विशवास कमज़ोर हो जाएगा और उनके द्वारा दिए गए सभी महत्वपूर्ण फैसलों पर लोगों को संदेह होगा।
गहलोत ने ट्वीट किया है, ‘‘राजग सरकार द्वारा न्यायमूर्ति गांगोई को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद राज्यसभा सदस्य के लिये नामित किया जाना आश्चर्यजनक है।’’
Nomination of former CJI #RanjanGogoi as a #RajyaSabha member by NDA, soon after his retirement is very surprising. It shows NDA is hell bent on destroying independence of every institution
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 17, 2020
उन्होंने कहा, यह दर्शाता है कि राजग सरकार हर संस्था की स्वतंत्रता को नष्ट करने पर आमादा है। जैसा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन बी. लोकुर ने कहा है यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को फिर से परिभाषित करता है। यह न्यायिक प्रणाली में लोगों के विश्वास को खत्म कर देगा और उनके द्वारा दिए गए निर्णयों की निष्पक्षता पर संदेह पैदा करेगा।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को कल ही राज्यसभा के लिये नामांकित किया गया है।