राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार के विरोध में एक नया मोर्चा खोलते हुए रविवार को कहा कि वह राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कथित तौर पर हुए ‘‘भ्रष्टाचार’’ पर कार्रवाई की मांग।
11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन
पायलट ने रविवार को संवादाताओं से बातचीत में कहा कि ‘‘महात्मा ज्योति बा फूले की जयंती वाले दिन वह 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन पर करेंगे।इस साल के अंत में राज्य में होने वाले चुनावों को देखते हुए यह घटनाक्रम अहम है। इस प्रकार की घटनाये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच पहले से चल रहे मनमुटाव को भी दर्शता है
विपक्ष में हमने वादा किया था
पायलट ने यहां अपने निवास पर आयोजित एक प्रेस सम्मेलन में कहा, ‘‘पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। विपक्ष में रहते हुए हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव होने में छह-सात महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कुछ मिलीभगत है।
कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं
इसलिए कार्रवाई जल्द करनी होगी ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।’’पायलट ने कहा कि ‘‘मैं मांग को लेकर 11 अप्रेल को शहीद स्मारक पर एक दिन के अनशन पर बैठूंगा।’’11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती है, जो सैनी समुदाय से थे, वही समुदाय जिससे गहलोत आते हैं।दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान है।