राजस्थान में हड़ताली चिकित्सकों को लेकर आज राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने सेवारत चिकित्सा संघ के अध्यक्ष अजय चौधरी पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक व्यक्ति की वजह से चिकित्सकों के साथ मांगों पर समझौता नहीं हो पा रहा है।
कालीचरण सराफ ने कहा कि सेवारत चिकित्सकों की मांगों पर समझौता पत्र तैयार हो गया था लेकिन श्री चौधरी ने अचानक रेजीडेंट डॉक्टरों की मांगों का मुद्दा उठाकर वार्ता विफल कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री चौधरी किसी से निर्देशित हो रहे है तथा वार्ता के समय कोई फोन आने के बाद वह समझौते से उठ खड़ हुए। श्री सराफ ने कहा कि आनन फानन में रेजीडेंट डॉक्टरों की मांगों पर विचार संभव नहीं था।
उन्होंने कहा कि सरकार किसी के दबाव में नहीं है तथा आज शाम सात बजे तक काम पर नहीं लौटने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ कार्रवाई की जाएगी। कालीचरण सराफ ने कहा कि सरकार ने चिकित्सकों को चार बार वार्ता के लिए बुलाया लेकिन अब उन्हें ही आगे आकर बात करनी होगी। उन्होंने दावा किया कि जयपुर में सरकारी अस्पतालों में 60 से 90 प्रतिशत चिकित्सक काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जायेगा। सरकारी अस्पतालों में रेलवे,बीमा,केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा एवं सेना के चिकित्सक पूरी मदद कर रहे हैं।
चिकित्सकों की हड़ताल के कारण मरीजों की मौतों से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में जिन मौतों का हवाला दिया गया है वे हमेशा होने वाली मौतों से अलग नहीं है। रेस्मा कानून के तहत चिकित्सकों की गिरफ्तारी की संख्या बताने से इनकार करते हुए श्री सराफ ने कहा कि यह काम गृह विभाग का है।
सेवारत चिकित्सकों के सामूहिक इस्तीफे के बारे में उन्होंने एक लिफाफा दिखाते हुए बताया कि इसमें किसी के इस्तीफे नहीं बल्कि खाली कागज प्राप्त हुए है।