राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के नोटिस पर रोक लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग कर रहे है। इस पर बीजेपी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री को विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर इतना बेचैन नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा,‘‘मैं यह मानता हूं कि इन सारी परिस्थितयों में कानूनी दायरे, संवैधानिक दायरे में रहते हुए धैर्य के साथ मुकाबला करना चाहिए।’’ बीजेपी नेता ने कहा,‘‘हर व्यक्ति की अपनी अपनी संवैधानिक और कानूनी भूमिका है। मुझे लगता है कि उनको इतना अधीर नहीं होना चाहिए।’
दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में “दूध का दूध और पानी का पानी” हो जाएगा। गहलोत ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण वह (राज्यपाल) अभी विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे हैं। इस बात का हमें बहुत दुख है। जबकि हम सत्र बुलाना जाना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट के फैसले के बाद हमने माननीय राज्यपाल महोदय को पत्र लिखकर आग्रह किया कि हम चाहते हैं कि विधानसभा का सत्र बुलाएं और वहां राजनीतिक हालात, कोरोना व लॉकडाउन के बाद के आर्थिक हालात पर चर्चा हो। हमें उम्मीद थी कि वह रात को ही विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश जारी कर देंगे। रात भर इंतजार किया लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया।’
गहलोत ने कहा, ‘हम विधानसभा सत्र बुलाने को तैयार हैं। अभी राज्यपाल से टेलीफोन पर बातचीत हुई मैंने फिर आग्रह किया कि आपका संवैधानिक पद है जिसकी बहुत गरिमा होती है उसके आधार पर अविलंब फैसला करें। विधानसभा सत्र हम सोमवार से शुरू करना चाहते हैं जहां ‘दूध का दूध पानी का पानी’ हो जाएगा