राजस्थान में अवैध तरीके से हो रहे रेत खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गहलोत सरकार, उसके कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को तत्काल प्रभाव से इसपर रोकने का निर्देश दिया है। वहीं ने इस मामले में राज्य सरकार से 4 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। सीजेआई बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अवैध रेत खनन संभवत: ‘पर्यावरण को क्षति’ पहुंचाएगा।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी पीठ का हिस्सा हैं जिसने कोर्ट द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को अवैध रेत खनन मामले की जांच करने और इससे निपटने के कदम सुझााते हुए एक रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि सीईसी को रेत कारोबारियों, इसे लाने- ले जाने का काम करने वाले और अन्य पक्षों को पेश आ रही समस्याओं पर विचार करने को कहा है।
समिति के पास जांच के लिए सरकार के किसी अधिकारी समेत किसी को भी तलब करने का अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट राजस्थान में रेत खनन को लेकर डाली गई कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था। न्यायालय ने 2017 में भी राजस्थान में अवैध रेत खनन रोकने का आदेश दिया था।