राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण से आज यहां पन्द्रहवीं विधानसभा का छठा एवं बजट सत्र शुरु हुआ। मिश्र ने पहली बार विधानसभा में अभिभाषण से पहले संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्त्तव्यों को पढ़ और सभी विधानसभा सदस्यों ने इसका वाचन किया। देश के इतिहास में पहली बार किसी विधानसभा में राज्यपाल ने सदन में संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों का वाचन किया। विधायकों को संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्त्तव्यों के पालन की शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना शुरु किया। उन्होंने करीब पैतालीस मिनट तक अभिभाषण पढा।
मिश्र ने अभिभाषण में राज्य में वैश्विक महामारी कोरोना में राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं तथा सरकारी योजनाओं सहित कई उपलब्धियों को गिनाया। एक विधायक ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए आंदोलनरत किसानों के समर्थन में ‘जय श्री किसान’ और ‘आंदोलनजीवी जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इससे पहलेमिश्र के अभिभाषण के लिए विधानसभा पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव निरंजन आर्य और विधानसभा सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने उनका स्वागत किया। विधानसभा के मुख्य द्वार पर राज्यपाल को आरएसी की बटालियन ने राष्ट्रीय सलामी दी।