अशोक गहलोत के विधायकों के निर्णय से राजस्थान में सियासी भूचाल आ गया है। पहले चर्चा अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर होती थी, अब राजस्थान में सरकार गिरने से कैसे बचाया जाए पार्टी आलाकमान यही सोचने में लगा हुआ है।
हालांकि, जिस तरह से गहलोत गुट के विधायकों ने अपना इस्तीफा पेश करके पार्टी नेतृत्व के सामने जो शर्ते रखी है, उससे सोनिया गांधी काफी नाराज हो गई है। अब उन्होंने फैसला कर लिया है कि वो किसी के सामने झुकेंगी नहीं।
पायलट को अपना नेता नहीं मानेंगे विधायक
दरअसल, बीते दिन विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को नया सीएम चुना जा रहा था, लेकिन उससे पहले ही गहलोत गुट के 82 विधायकों ने यह कहते हुए इस्तीफा विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया की वो किसी भी हाल में पायलट को अपना नेता नहीं मानने वाले है।
विधायकों से नाराज हुई सोनिया
वही, विधायकों से बात करने केसी वेणुगोपाल से लेकर अजय माकन तक गए। विधायकों को रातभर समझाया था। लेकिन, विधायकों ने उनकी एक बात नहीं मानी बल्कि अपनी तीन शर्ते रख दी। जिसके बाद कांग्रेस वरिष्ठ नेता माकन क्रोधित हो गए और उन्होंने साफ कहा ,’मैं यहां शक्ति प्रदर्शन देखने के लिए नहीं आया था। मुझे सोनिया गांधी ने बातचीत करने के लिए भेजा था, लेकिन कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं है, जिसके बाद अब अंतिम निर्णय सोनिया गांधी लेंगी।’
बता दें, विधायकों की बगावत से सोनिया काफी नाखुश है। पार्टी नेतृत्व इस्तीफा देने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े रहने वाले विधायकों पर कार्रवाई कर सकता है। गहलोत को भी साफ कहा गया है कि वो इस लड़ाई का जल्द निपटारा करे।