राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच पार्टी से बगावत करने वाले गहलोत गुट के दो मंत्रियों को हाईकमान द्वारा नोटिस भेजा गया था। शुरुआत में लगा कि अब पार्टी एक्शन लेगी, लेकिन अब नोटिस की तीर फुस्स होते दिखाई दे रही है। कहा जा रहा कि पार्टी नेतृत्व ने मंत्रियों पर नरमी दिखाना शुरू कर दिया है, क्योंकि वो गहलोत के करीबी है।
राजस्थान में नहीं होगा कोई बदलाव
मिली जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी अब राजस्थान में चुनाव से पूर्व कोई बदलाव नहीं चाहती है। यानी सीएम अशोक गहलोत ही रहेंगे। इसलिए पार्टी ने मंत्रियों पर भी अभी तक एक्शन नहीं लिया है। उधर गहलोत गुट की तरफ से कोई बयानबाजी नहीं हो रही है। सभी शांति से नेतृत्व के फैसले का इंतज़ार कर रहे है। जबकि पायलट गुट अभी भी दावा कर रहा कि सोनिया राजस्थान का नया सीएम सचिन पायलट को बनाने वाली है।
मंत्रियों को भेजा गया नोटिस
हालांकि, गहलोत जिस तरह से अभी भी अपने निर्णय ले रहे है। उससे अभी यही लग रहा कि राजस्थान में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। शायद इसलिए मंत्रियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। पार्टी नेतृत्व द्वारा मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी को नोटिस भेजा गया था। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नोटिस का जवाब दे दिया है, जबकि महेश जोशी और धर्मेँद्र राठौड़ के नोटिस का जवाब नहीं दिया है। जबकि 10 दिन के अंदर ही जवाब देना था और समय सीमा समाप्त हो गई है। इसके बावजूद कोई करवाई नहीं हो रही है।
सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार गहलोत
इसी वजह से अनुमान लगाया जा रहा कि कांग्रेस हाईकमान मंत्रियों पर नरमी दिखा रहा है। बता दें, पिछले दिनों जब गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी तो उनसे साफ कहा था कि अगर विधायकों और मंत्रियों पर सख्ती दिखाई गई तो सरकार गिर सकती है। वही, सीएम पद को लेकर उन्होंने कहा था कि वो सोनिया के आदेश पर इस्तीफा देने के लिए तैयार है।