बीकानेर : राजस्थान के खनन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने प्रदेश की नयी खनन नीति को बहुउद्देश्यीय बताते हुए कहा कि इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी बल्कि अवैध खनन की समस्या भी सदा के लिये खत्म हो जायेगी। श्री टीटी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि इस नीति के तहत किसानों को अपने खेतों में खनन के लिये पट्टे जारी किये जायेंगे जिससे वे खुद खनन कर सकते हैं या किसी से करवा सकते हैं।
इससे उनकी अनुपजाऊ भूमि की मौजूदा कीमतों में काफी हद तक बढ़ोतरी होने से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी साथ ही उनके बच्चों को भी रोजगार मुहैया होगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ, नागौर, चुरू, जैसलमेर, जालौर एवं बाड़मेर में जिप्सम सतह पर ही हैं, इन पर किसान खेती नहीं कर पाते और इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलता है। जिप्सम को हटाने के लिये उन्हें अनुमति दी जायेगी।
इससे किसानों की भूमि का भी सुधार होगा और अवैध खनन पर अंकुश लगेगा तथा राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अवैध खनन की मुख्य वजह मांग और पूर्ति में भारी अंतर होना है। वर्तमान में खनिज कारखानों को जिप्सम और अन्य खनिज की वांछित मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पाती है, लिहाजा कारखाना मालिकों को अवैध खनन के जरिये पूर्ति करनी पड़ती है। अब किसानों को सीधे पट्टे जारी करने से उन्हें अवैध खनन के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा।
श्री टीटी ने कहा कि अब तक जारी पहले आओ पहल पाओ की नीति के विपरीत खानों की ई नीलामी की जायेगी, इससे पारदर्शिता आयेगी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हो जायेगी। आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। खान विभाग को जीपीएस प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। अवैध खनन पर रोक के लिये संवेदनशील क्षेत्रों में 500 आरएसी के जवान तैनात किये गये हैं। उन्होंने कहा कि हर हालत में अवैध खनन पर रोक लगाई जायेगी।
– वार्ता