राजस्थान के कई अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को उचित उपचार नहीं मिलने की खबरों के बीच राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने मंगलवार को सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी चिकित्सकों को ऐसे रोगियों का उपचार गम्भीरता से करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि उपचार में लापरवाही की शिकायतों की जांच करवाकर लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य के किसी भी राजकीय या निजी चिकित्सालय में कोविड-19 के उपचार में कोई कमी महसूस होने पर इसकी शिकायत चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के नियन्त्रण कक्ष के फोन नंबर 0141-2225624 पर की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि शिकायतों के शीघ्र समाधान के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जा रही है और उनसे प्रतिदिन रिपोर्ट ली जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों को मनमानी फीस वसूलने की छूट नहीं दी जा सकती, उन्हें सरकार द्वारा तय की गई निर्धारित राशि के आधार पर ही चिकित्सा सुविधाएं देनी होगी।
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ऐसा नहीं करने वाले निजी चिकित्सालयों के खिलाफ सरकार को मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी सामुदायिक संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है।
राज्य में बाहर से आने वाले ‘सुपर स्प्रेडर’ की वजह से भरतपुर और धौलपुर जैसे जिलों में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है लेकिन सुकून की बात यह भी है कि प्रदेश में रोगियों के ठीक होने की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 78 फीसद लोग संक्रमण मुक्त होकर अपने घर जा चुके हैं।
डा शर्मा ने कहा कि जांचों के मामले में सरकार अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा आगे है। वतर्मान में राजस्थान में प्रतिदिन 25,000 से ज्यादा जांच करने की क्षमता है। आने वाले दिनों में यह क्षमता 40000 तक पहुंच जाएगी।