राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 811 वें सालान उर्स के मुबारक मौके पर आज जुम्मे की नमाज अदा की गयी जिसमें करीब सवा लाख जायरीनों एवं अकीदतमंदों ने जुम्मे की नमाज अदा की।अजमेर शहर काजी मौलाना तौसिफ अहमद सिद्दीकी ने नमाज अदा कराई। नमाज की शुरूआत दरगाह स्थित शाहजानी मस्जिद में जुम्मे की अजान से हुई। और उसके बाद खुतबा हुआ।
नमाज अदा की और दुआ में हाथ उठाएं
ठीक डेढ बजे दरगाह के पीछे पहाडी पर स्थित बडे पीर साहब की दरगाह से तोप दागी गई जिसके साथ ही सन्नत अदा की गई। 1.35 पर खुतबे की अजान हुई और शहर काजी ने खुत्बा - ए - जुम्मा पढा। 1.45 पर जुम्मे की सामूहिक नमाज अदा की गई। नमाज के लिए दरगाह परिसर के अलावा दरगाह बाजार - धानमंडी- दिल्लीगेट-गंज-महावीर सर्किल तक जायरीन शफे बनाकर सडको पर बैठ गये। ठंड के साथ चिलचिलाती धूप के साथ सभी ने बडी सब, के साथ नमाज अदा की और दुआ में हाथ उठाये।अजमेर से 12 किलोमीटर दूर कायड विश्राम स्थली पर दरगाह कमेटी ने बनाये विशेष डोम्स में जुम्मे की नमाज अदा की।
जुम्मे की नमाज के लिए विशेष सुरक्षा
अजमेर के अलावा नजदीकी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों पीसांगन गगवाना सोमलपुर ब्यावर आदि स्थानों से भी अकीदतमंदों ने उर्स के दौरान जुम्मे की बडी नमाज अदा की। जुम्मे की नमाज के लिये विशेष सुरक्षा प्रबंध किये गये। प्रशासन - दरगाह कमेटी- अन्जुमन सैय्यदजादगान एवं अन्जुमन शेखजादगान ने विशेष प्रबंध किये। नमाज के बाद जायरीनों के बीच धक्का मुक्की एवं कशमकश का आलम बना रहा। बावजूद इसके नमाज शांतिपूर्ण तरीके से धार्मिक एवं परम्परागत तरीके से निपट गई।