राजस्थान में 14 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप में भरतपुर जिले में जिला न्यायाधीश स्तर के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित बालक की मां ने मथुरागेट थाना क्षेत्र में भरतपुर की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष अदालत के जिला न्यायाधीश स्तर के अधिकारी और दो अन्य के खिलाफ बालक को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ एक माह तक अप्राकृतिक यौनाचार करने का मामला दर्ज करवाया था।
पीड़ित बालक की मां ने मथुरागेट थाना क्षेत्र में भरतपुर की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष अदालत के जिला न्यायाधीश स्तर के अधिकारी और दो अन्य के खिलाफ बालक को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ एक माह तक अप्राकृतिक यौनाचार करने का मामला दर्ज करवाया था। भरतपुर के पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार ने बताया कि निलंबित न्यायाधीश को जांच के लिये बुलाया गया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया, ‘‘मामले में अनुसंधान और गिरफ्तारी उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के अनुसार की गई है।’’ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष अदालत में तैनात न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह के खिलाफ मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज होने के बाद राजस्थान हाई कोर्ट प्रशासन ने 31 अक्टूबर को उन्हें निलंबित कर दिया था। पीड़ित की मां द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर न्यायाधीश और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत में बालदुराचार (कुकृत्य) करने वाले न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह गोलिया और राहुल कटारा व अंशुल सोनी पर पीड़ित को घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने का आरोप लगाया है। मामले में दो अन्य आरोपियों की पहचान न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी और एक अन्य स्टाफ राहुल कटारा के रूप में की गई। पीड़ित के परिजनों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव पर बालक को मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
राजस्थान हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा न्यायाधीश को निलंबित किए जाने के तुरंत बाद राज्य के गृह विभाग ने पुलिस उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव को भी निलंबित कर दिया। पुलिस ने बताया कि न्यायिक अधिकारी ने कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक क्लब में 14 वर्षीय बालक के साथ दोस्ती की थी। बालक वहां टेनिस खेलने जाता था।