राजस्थान के जालौर का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि बाड़मेर से एक नया मामला और सामने आ गया। भारत को हर भारतवासी मॉडर्न बनाना चाहता है। लेकिन अभी छुआछूत को खत्म नहीं करना चाहता। इन घटनाओं से तो ऐसा ही लगता है। अध्यापक विद्यार्थी के लिए भगवान की तरह होता है, इसलिए वह उसका काफी सम्मान करता है। लोग दलितों के उत्थान के लिए बड़ी-बड़ी बात करते हैं, लेकिन ये तमाम बातें सिर्फ फेसबुक, ट्वीटर और व्हाट्सएप्प तक ही सीमित होती हैं। असल जिंदगी न अपनाना चिंता की बात है। टीचर द्वारा दलित छात्र की हत्या करना और भी ज्यादा चिंता की बात है।
दरअसल, जालौर की तरह बाड़मेर में भी यह मामला तूल पकड़ चुका है। इस मामले में विभिन्न दलित संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कराया है, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया है। मामला बाड़मेर शहर के एक सरकारी स्कूल का है, जहां बच्चा सातवीं कक्षा में पढ़ता है। बताया जा रहा है कि मारपीट के बाद बच्चा स्कूल में ही बेहोश हो गया, जिसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस वजह से टीचर ने की बच्चे की पिटाई
बच्चे के परिजनों का आरोप है कि क्लास टेस्ट के दौरान बच्चे ने टीचर द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद गुस्साए टीचर ने बच्चे को पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान बच्चे ने मारपीट का कारण पूछा तो शिक्षक ने उसे धक्का मार दिया, जिससे उसके सिर में चोट लग गई।
महिला शिक्षिका ने बच्चे को अस्पताल में कराया भर्ती
बताया गया कि शिक्षक के हमले से बच्चे के सिर और पेट में चोट आई है। उसी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के भाई ने इसकी सूचना स्कूल के अन्य शिक्षकों को दी, जिसके बाद एक महिला शिक्षिका बच्चे को अस्पताल ले गई। अस्पताल में भर्ती बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर दिलीप चौधरी ने बताया कि बच्ची को पेट और सिर में दर्द की शिकायत है, लेकिन कोई गंभीर चोट नहीं है, बच्चे की हालत ठीक है। लेकिन एहतियातन सिटी स्कैन और सोनोग्राफी की कार्रवाई जारी है।
आरोपी से पूछताछ में जुटी पुलिस
बताया गया कि घटना के बाद मारपीट करने वाला शिक्षिका अशोक माली कहीं छिप गया, लेकिन सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को ढूंढ निकाला। जिसे बाद में हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अभी तक परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।