अलवर : राजस्थान पुलिस ने थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में शनिवार को छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। यह आरोप पत्र यहां की अजा/जजा अदालत में पेश किया गया।
जांच अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक जगमोहन शर्मा ने बताया, ‘‘छह आरोपियों के खिलाफ लगभग 350 पन्नों का आरोप पत्र अनुसूचित जाति – जनजाति अदालत में पेश किया गया है। इनमें से पांच के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, एससी एसटी कानून व आईटी कानून जबकि एक के खिलाफ आईटी कानून की विभिन्न धाराओं में आरोप बनाए गए हैं।’’
मामले में आगे की सुनवाई 21 मई को होगी। बलात्कार के पांच आरोपियों में इंद्राज, अशोक, छोटेलाल, हंसराज व महेश गुर्जर हैं।
आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 376 डी सामूहिक दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला बनाया गया है। अलवर के पुलिस अधीक्षक अनिल परिस देशमुख ने कहा कि धारा 376 डी के तहत अधिकतम सजा आजीवन कारावास की है। इस मामले में 35 गवाह हैं।
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इस मामले में इंद्राज, अशोक, छोटेलाल, महेश व हंसराज के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म व एससी-एसटी कानून के तहत मामला जबकि मुकेश गुर्जर के खिलाफ आईटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस बीच पुलिस ने इस घटना से जुड़े वीडियो को यूट्यूब पर डालने के संबंध में भी अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
उल्लेखनीय है कि अलवर जिले के थानागाजी थाना क्षेत्र में 26 अप्रैल को अपने पति के साथ मोटर साइकिल पर जा रही एक दलित महिला से पांच लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसका वीडियो बनाया। राज्य में 29 अप्रैल को मतदान होना था और आरोप है कि स्थानीय पुलिस मामले को टालती रही और अंतत: दो मई को मामला दर्ज हुआ।
मामला दर्ज होने में कथित देरी को लेकर पुलिस व राज्य सरकार की काफी आलोचना हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले की आलोचना की। हालांकि अशोक गहलोत सरकार ने भाजपा व मोदी पर इस मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार से मिले थे।
सरकार इस मामले में अलवर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजीव पचार को एपीओ कर चुकी है। थानागाजी के तत्कालीन थानाधिकारी को निलंबित व चार सिपाहियों को लाईन हाजिर किया गया है।