राजस्थान में अजमेर के समीपवर्ती तीर्थराज पुष्कर स्थित विश्व के एकमात्र ब्रह्मा मंदिर के पास चौबीस करोड़ की लागत से बन रहे एंट्री प्लाजा योजना पर ग्रहण लगने की आशंका है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की इच्छाशक्ति के चलते ब्रह्मा मंदिर से लगी हुई करीब दस बीघा जमीन पर केंद्र की प्रसाद योजना के तहत 10 अक्टूबर 2018 को एंट्री प्लाजा के नाम से निर्माण शुरू कराया गया।
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता वाले दिन श्रीमती राजे ने आनन फानन में शिक्षा बोर्ड सभागार से इसे लोकार्पित भी कर दिया, लेकिन वर्तमान में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने ब्रह्मा मंदिर के नवनिर्मित एंट्री प्लाजा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) वापस लेकर पूरी योजना को ही खटाई में डाल दिया है, जबकि इस योजना पर कुल चौबीस करोड़ की लागत के दस करोड़ रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली के निदेशक डॉ. डीएन डीमरी पिछले सप्ताह पुष्कर पहुंचे और उन्होंने एंट्री प्लाजा निर्माण का मुआयना किया। मुआयने के बाद उन्होंने प्रथम दृष्टिया निर्माण को प्रतिबंधित सीमा में कराना पाया तब उन्होंने इसे अवैध घोषित कर दिया है।
ऐसी स्थिति में पूरा निर्माण ही‘ गलत निर्माण‘ की श्रेणी में आ गया है, जिससे एंट्री प्लाजा येजना का अस्तित्व अब संकट में पड़ गया है। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मा मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से अधिसूचित स्मारक है। इस कारण इसकी सौ मीटर की परिधि में निर्माण प्रतिबंधित है।
इसके बावजूद भाजपा शासन काल में इसका निर्माण कराया गया। दो साल से चल रहे निर्माण के दौरान पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसकी अनदेखी की। पूर्व शिक्षा मंत्री एवं पूर्व पुष्कर की विधायक नसीम अख्तर इंसाफ ने जिले के प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया से एंट्री प्लाजा निर्माण जांच की मांग भी की थी। जिस पर प्रभारी मंत्री ने उन्हें जांच का आश्वासन दिया था। पूर्वमंत्री का आरोप है कि जिस स्थान पर एंट्री प्लाजा का निर्माण किया गया है वहां संतों की छतरियां भी थी जिन्हें तोड़ दिया गया।