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शौचालय बना तलाक की वजह, पत्नी ने दी कोर्ट में अर्जी

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हाल ही में आई अक्षय कुमार की फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ बहुत सुर्खियों में है, साथ ही अब इसका असर हमारे समाज पर भी होता दिख रहा है। इस फिल्म से मिलती-जुलती राजस्थान की एक घटना सामने आई है, जहां ससुराल में टॉयलेट (शौचालय) ना होने की वजह से एक महिला ने तलाक की अर्जी दे दी।

दरअसल ये घटना भिलवाड़ा की है। जहां फैमिली कोर्ट ने घर में टॉयलेट नहीं होने को क्रूरता मानते हुए एक महिला की तलाक की याचिका मंजूर कर ली। ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते महिला दो साल से ससुराल से अलग माइके में रह रही थी। घर में शौचालय नहीं होने पर न्यायाधीश ने महिलाओं को होने वाली मानसिक पीड़ा पर टिप्पणी करते हुए इसे समाज के लिए कलंक बताया।

क्या है पूरा मामला?

भीलवाड़ा के पुर में रहने वाली एक युवती ने कोर्ट में पति के खिलाफ तलाक के लिए साल 2015 में परिवाद पेश किया था। परिवाद में कहा कि उसका विवाह 2011 में हुआ था, लेकिन ससुराल में न तो उसके लिए अलग से कमरा है और न ही शौचालय। खुले में शौच जाने के कारण उसे शर्मिंदगी उठानी पड़ती है।

इस प्रकरण में सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने घर में शौचालय नहीं होने को महिलाओं के लिए मानसिक क्रूरता और त्रासदीपूर्ण स्थिति माना। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने कहा कि घर में शौचालय न होने की वजह से महिलाओं को अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि बहनों की गरिमा के लिए क्या हम एक शौचालय की भी व्यवस्था नहीं कर सकते? 21वीं सदी में खुले में शौच की प्रथा हमारे समाज पर कलंक है। उन्होंने कहा शराब, तंबाकू और मोबाइल पर बेहिसाब खर्च करने वाले लोगों के घरों में शौचालय न होना बड़ी विडबंना है।

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