BREAKING NEWS

उद्धव गुट की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, दिल्ली HC ने मानहानि मामले में भेजा समन ◾बिजली गुल से परेशान शख्स ने फडणवीस के आवास को बम उड़ाने की दी धमकी◾‘राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता षड्यंत्र पूर्वक समाप्‍त की गई’, CM गहलोत का केंद्र सरकार पर आरोप ◾कलकत्ता HC ने बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया में दखल देने से किया इनकार ◾विराट कोहली बोले- दो ड्रिंक के बाद रात भर नाचता था,अब ड्रिंकिंग छोड़ चुका हूं◾कनाडा में गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया नुकसान, नहीं थम रही भारत विरोधी घटनाएं◾पटना में लगे पोस्टर में BJP नेता को बताया 'बिहार का योगी', भाजपा ने सम्राट चौधरी को CM कैंडिडेट किया घोषित ◾अतीक अहमद की सुरक्षा की मांग वाली याचिका SC ने की खारिज◾केरल में दर्दनाक हादसा: सबरीमाला से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं की बस खाई में गिरी, कई घायल◾सरकारी बंगला खाली करने पर राहुल ने दी प्रतिक्रिया, नोटिस का करेंगे पालन◾उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, माफिया अतीक समेत तीन दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा ◾स्मृति ईरानी का राहुल पर वार, बोलीं- PM की छवि बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन.... ◾भाजपा चुनावों में जीतती जाएगी, विपक्ष के हमले बढ़ते जाएंगे: संसदीय दल की बैठक में बोले PM मोदी◾उमेश पाल अपहरण केस में MP-MLA कोर्ट ने सुनाया फैसला, अतीक अहमद समेत तीन दोषी करार◾UP एक्सप्रेस-वे पर धार्मिक रैली निकालना पड़ा भारी,पुलिस ने किया केस दर्ज◾राजस्थान में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार को लेकर BJP नेता ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग◾काले कपड़े पहनकर आए सदन में कांग्रेस नेता, लोकसभा में जोरदार हंगामे के कारण कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित◾अखिलेश का BJP पर हमला, कहा- हाथरस रेप पीड़िता के परिवार को नौकरी के नाम पर ठगना 'मानसिक दुष्कर्म' से कम नहीं◾अयोग्यता विवाद पर भाजपा को करारा जवाब देने के लिए राहुल गांधी 5 अप्रैल को कर्नाटक का करेंगे दौरा ◾मुसलमानों द्वारा रामकथा सुनाने के आमंत्रण पर बोलें धीरेंद्र शास्त्री, 5 साल जिंदा रहा तो सब कहेंगे हरि-हरि◾

वसुंधरा सरकार ने अपने लिए बनाया कवच, बिना इजाजत नहीं दर्ज होगी नेता-अफसर के खिलाफ शिकायत

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार अपने मंत्रियों, अफसरों, कर्मचारियों और उन सभी लोगों के लिए एक ऐसा कवच लेकर आ रही है, जिनकी जवाबदेही आम लोगों के प्रति है। इस कवच के बाद राजस्थान के सभी विधायकों, मंत्रियों, सांसदों और अफसरों के खिलाफ पुलिस या अदालत में शिकायत करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इस बारे में सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में बिल पेश किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक इस बिल में सीआरपीसी में संशोधन किया जाएगा, जिसके बाद सभी सांसदों-विधायकों, जजों और अफ़सरों को लगभग इम्युनिटी मिल जाएगी। इस बिल के पास होने के बाद इन लोगों के खिलाफ सरकार की मंज़ूरी के बिना कोई केस दर्ज नहीं कराया जा सकेगा। यही नहीं, जब तक एफआईआर नहीं होती, प्रेस में इसकी खबर भी नहीं छप सकती और इसका उल्लंघन करने पर या ऐसे किसी मामले में किसी का नाम लेने पर दो साल की सज़ा भी हो सकती है।

इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक किसी जज या सरकारी कर्मचारी या अधिकारी की किसी कार्रवाई के खिलाफ, जो कि उसने अपनी ड्यूटी के दौरान की हो, आप अदालत के जरिए भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी होगा।और, अगर सरकार इजाजत नहीं देती, तो तीन महीने यानी 180 दिनों के बाद सिर्फ अदालत के जरिए ही किसी सरकारी अफसर या कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। ऐसे किसी भी सरकारी कर्मचारी, जज, अफसर, नेता या मंत्री, जिसे लोक सेवक या जनसेवक की श्रेणी में रखा जा सकता है, का नाम तब तक प्रेस की किसी रिपोर्ट में नहीं आ सकता जब त‍क कि सरकार इसकी इजाजत ना दे दे। बिना सरकार की मंजूरी के अगर किसी भी ऐसे शख्स का नाम प्रेस में आ जाता है तो ऐसे मामलों में 2 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।