राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लगाया जाना असल में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की दोस्ती का परिणाम था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने के निर्णय को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा देश भर में चलाऐ जा रहे जनजागरण अभियान के अंतर्गत यहां ‘प्रबुद्धजन संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वसुंधरा ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 जवाहरलाल ने 17 अक्टूबर 1949 में बनाया।
असल में यह शेख अब्दुल्ला और पंडित नेहरू के बीच की दोस्ती का परिणाम था।’’ वसुंधरा ने कहा कि भारत के संसद को भी लाचार करके रख दिया गया। इस विषय पर भारत का संसद काम कर सकता था। कश्मीर बनाम हिन्दुस्तान परिस्थिति बन गई थी। इसलिए हमारे तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कह दिया था कि ऐसी कैबिनेट में वह नहीं रह सकते और इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा कि दो-तीन गलतियां पंडित नेहरू जी ने की थी और मैं समझती हूं कि उन पर हमको ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे का अंतराष्ट्रीयकरण, उसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ले जाने का काम नेहरू ने किया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाये जाने सहित अन्य कामों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए वसुंधरा ने कहा कि ये तो मोदी जी का करामात है कि दुनिया आज उनका लोहा मान रही है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में शांति का वातावरण देखने को मिला है।