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राजस्थान के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का दावा, UP के लोगों को ले जा रही बसों को योगी सरकार ने नहीं दी प्रवेश की अनुमति

विश्वेन्द्र सिंह ने लिखा, “हमारे पूरे प्रयासों के बावजूद उप्र सरकार द्वारा बसों को सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। ऐसे समय में तो कम से कम मानवता के नाते उत्तर प्रदेश सरकार को यह अनुमति देनी चाहिए थी।”

लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों पर राजनीति अपने चरम पर है। प्रवासी मजदूरों के पलायन पर विपक्ष और पक्ष एक दूसरे पर हमलावर है। राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने दावा किया कि उनके द्वारा 500 निजी बसों से उत्तर प्रदेश वापस भेजे गए प्रवासी श्रमिकों को योगी सरकार ने राज्य की सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। 
विश्वेन्द्र सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के निर्देशानुसार आज मेरे विधानसभा क्षेत्र के गाँव बहज, उप्र सीमा से श्रमिकों के लिए जाने वाली 500 से अधिक बसों को उप्र सरकार द्वारा प्रवेश नहीं दिया जाना बहुत ही अमानवीय कृत्य है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘हमारे पूरे प्रयासों के बावजूद उप्र सरकार द्वारा बसों को सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। ऐसे समय में तो कम से कम मानवता के नाते उत्तर प्रदेश सरकार को यह अनुमति देनी चाहिए थी।’’ 


बाद में रात करीब साढ़े दस बजे उन्होंने फिर से ट्वीट किया कि यह बहुत दुखद है कि उत्तर प्रदेश सरकार बसों को स्वीकार नहीं कर रही है और वे अभी भी सीमा पर खड़ी हैं, रात के 10 बज कर 20 मिनट हो रहे हैं, जिले की एसडीएम बस चालकों, कंडक्टरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था में जुटी हैं। उन्होंने लिखा है, ‘‘उन्हें (एसडीएम) बसों को प्रवेश की अनुमति देने के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से विनती करते देखना मेरे लिए भावुक क्षण था।’’ 

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि भरतपुर में खेडली मोड, सरसों अनुसंधान केन्द्र, और सारस पर तंबू लगा कर भोजन, पानी और दवाईयों पर इंतजाम किया गया है। दोनों सीमाओं पर मेडिकल टीम सहित अन्य माकूल इंतजाम कर रखा हैं। लेकिन दुखद बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार हमारा साथ नहीं दे रही है और उत्तरप्रदेश के रहने वालों को हाथरस तक भेजना पड़ रहा है, जबकि उत्तरप्रदेश की सीमा यहां से केवल 10-15 किलोमीटर दूर है। 

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