केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है जो कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही : सचिन पायलट - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है जो कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही : सचिन पायलट

कांग्रेस नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सवाल उठाया कि देश भर में विरोध और आंदोलन के बावजूद सरकार इन कानूनों को किस मजबूरी के कारण वापस नहीं ले रही।

केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को लेकर कुछ उद्योगपतियों के लिये पूरे कृषक समुदाय के भविष्य को अंधकार में धकेलने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाते हुये कांग्रेस नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सवाल उठाया कि देश भर में विरोध और आंदोलन के बावजूद सरकार इन कानूनों को किस मजबूरी के कारण वापस नहीं ले रही। 
दौसा में इन कानूनों के खिलाफ आयोजित किसान महापंचायत को शुक्रवार को संबोधित करते हुये पायलट ने कहा कि इन कानूनों को बनाते समय किसी भी राज्‍य सरकार या किसान संगठन से बात नहीं की गयी और जल्दबाजी में तीनों कानून सदन में पारित कर देश पर थोप दिया । पायलट ने कहा कि ये कृषि कानून जिसे केंद्र सरकार किसानों के हित में बताती है कि उनका विरोध पूरे देश में हो रहा है और दिल्ली की सीमाओं पर दो ढाई महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। 
कांग्रेस नेता ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों ने गांधीवादी होने का परिचय दिया है। पायलट के अनुसार,’ केंद्र सरकार ने 11 बार किसानेां को वार्ता के लिए बुलाया लेकिन लेकिन केंद्र सरकार की क्या मज़बूरी है, ऐसी क्या विवशता है कि वह इन कानूनों को वापस नहीं लेना चाहती।’’ 
उन्होंने आरोप लगाया कि चंद उद्योगपतियों की वजह से पूरे कृषक समुदाय के भविष्य को को अंधकार में धकेला जा रहा है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर देश के 22 राजनैतिक दलों ने अपने वैचारिक मतभेदों को बुलाते हुए एकस्वर में इन कानूनों का विरोध किया है और कहा है कि देश के किसान के लिए हम सब एकजुटता से खड़े रहेंगे। 
इस अवसर पर चार सूत्री एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने व आंदोलनरत किसानों के खिलाफ दर्ज मामले समाप्त करने की मांग भी शामिल है। इस महापंचायत में कई विधायक भी उपस्थित थे । 

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