कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर काफी समय से पार्टी में विचार- विमर्श हो रहा है। अध्यक्ष पद को लेकर राजस्थान में तो घमासन ही शुरु हो गया था। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली जाकर गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने सोनिया गांधी से माफी मांगते हुए। जयपुर में हुई घटना को लेकर खेद जताया इसके साथ ही अशोक गहलोत ने ये भी साफ कर दिया कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
आपको बता दे कि अशोक गहलोत ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से मना करने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला पूरी तरह से सोनिया गांधी पर छोड़ दिया। गहलोत के साथ ही सचिन पायलट ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात हुए पूरे चार दिन बीत चुके है, और सभी सोनिया गांधी के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। इसलिए अभी सीएम पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
कांग्रेस हाईकमान अशोक गहलोत के उत्तराधिकारी के तोर पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया। इस साथ ही इसी मद्देनजर रविवार को मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन.को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा था, लेकिन गहलोत खेमे के विधायकों के बागी रुख अपनाने से विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी।
दिल्ली से वापस लौटने के बाद अशोक गहलोत ने रविवार को एक बार फिर से तेवर दिखाने शुरु कर दिए है।और उन्होंने इशारों में ये भी साफ कर दिया कि सचिन पायलट उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि राज्य के अधिकतर विधयक भी उनके साथ है।