झुंझुनूं पोक्सो न्यायालय की न्यायाधीश नीरजा दाधीच ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दो अगस्त को मलसीसर के पास डाबड़ी धीर सिंह में ननिहाल आई तीन साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले अलीपुर लालसोट निवासी विनोद बंजारा को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है।
सहायक लोक अभियोजक लोकेंद्र सिंह खुडानिया ने बताया कि यह मामला दो अगस्त को अलसीसर थाना इलाके का है। आरोपी विनोद ने अपने ननिहाल आई तीन साल की मासूम को घर में अकेला पाकर उससे रेप किया।
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उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार किया और 10 दिन में ही चार्जशीट तैयार कर अदालत में पेश कर दी। पॉक्सो अदालत ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चार्जशीट दायर होने के महज 19वें दिन आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के विशेष न्यायालय की न्यायाधीश नीरजा दाधीच ने मामले को दुर्लभतम बताते हुए एक मार्मिक कविता का भी जिक्र किया। कविता में संदेश छिपा था कि ‘अब भी ना सुधरे तो एक दिन ऐसा आएगा, इस देश को बेटी देने से भगवान भी घबराएगा।’
न्यायाधीश ने पढ़ी ये कविता
‘वो मासूम नाजुक बच्ची एक आंगन की कली थी।
‘वो मासूम नाजुक बच्ची एक आंगन की कली थी।
वो मां-बाप की आंख का तारा थी।
अरमानों से पली थी।
जिसकी मासूम अदाओं से मां-बाप का दिन बन जाता था।
जिसकी एक मुस्कान के आगे पत्थर भी मोम बन जाता था।
वो छोटी सी बच्ची, ढंग से बोल नहीं पाती थी।
दिखा के जिसकी मासूमियत उदासी मुस्कान बन जाती थी।
जिसने जीवन के केवल तीन बसंत ही देखे थे।
उस पे यह अन्याय हुआ यह कैसे विधि के लेखे थे।
एक तीन साल की बेटी पे यह कैसा अत्याचार हुआ।
एक बच्ची को दरिंदों से बचा नहीं सके, यह कैसा मुल्क लाचार हुआ।
उस बच्ची पर जु्ल्म हुआ, वो कितनी रोई होगी।
मेरा कलेजा फट जाता है तो मां कैसे सोई होगी।
जिस मासूम को देख के मन में प्यार उमड़ के आता है।
देख उसी को मन में कुछ के हैवान उतर आता है।
कपड़ों के कारण होते रेप जो कहे, उन्हें बतलाऊं मैं।
आखिर तीन साल की बच्ची को साड़ी कैसे पहनाऊं मैं।
गर अब भी ना सुधरे तो एक दिन ऐसा आएगा।
इस देश को बेटी देने से भगवान भी घबराएगा।
आपको बता दें कि दुष्कर्म का शिकार हुई तीन साल की मासूम के दिल में छेद है। उसका ऑपरेशन होना है। फैसले के समय मासूम की मां एवं उसके नाना इलाज के लिए उसे जयपुर लेकर गए हुए थे।
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बता दें कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में 7 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में स्पेशल कोर्ट ने दो महीने के अंदर दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इससे पहले कोर्ट ने इरफान और आसिफ दोनों को दोषी करार दिया था। 7 वर्षीय पीड़िता ने ही पिछले महीने विशेष कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान अपने मुजरिम इरफान और आसिफ की पहचान की थी।