राजस्थान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नाथद्वारा से विधायक सीपी जोशी आज सर्वसम्मति से पन्द्रहवीं विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके नाम का प्रस्ताव पेश किया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, राजेंद, राठौड़, महादेव सिंह खंडेला, बलवान पूनियां, कांति प्रसाद एवं राजेंद, सिंह गुढ़ ने भी एक-एक करके प्रस्ताव रखे।
इनका अनुमोदन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक आलोक बेनीवाल, बाबू लाल नागर, गिरधारी लाल और हनुमान बेनीवाल ने किया। इसके बाद विधायक सीपी जोशी सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिए गए। गहलोत और श्रीमती राजे सहित अन्य दलों के विधायक उन्हें आसन तक लेकर गये और सीपी जोशी ने आसन संभाला।
सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने के बाद गहलोत ने उनको बधाई देते हुए कहा ‘‘सदन से आपका रिश्ता 38 साल पुराना है। सभी पार्टियों ने आपके नाम का प्रस्ताव किया है। लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।’’ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि सदन को चलाने में आपका अनुभव काम आएगा।
बेनिवाल ने अपने बधाई संबोधन में पिछली सरकार पर निशाना साधा। इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताई। इस दौरान दोनों में बहस भी हुई। उल्लेखनीय है कि जोशी नाथद्वारा से पांचवीं बार विधायक चुने गये हैं। सीपी जोशी वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक वोट से चुनाव हार गए थे। बाद में 2009 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करके मनमोहन सरकार में मंत्री बने।